Sunday, January 29, 2012

बार और बेंच (Bar and Bench)

न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) में स्थायी न्यायाधीश के पद के लिए नामित किया गया! पिछले बीस वर्षों में किसी भारतीय न्यायाधीश की नियुक्ति  अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के लिए नहीं हुई। 

Saturday, January 28, 2012

असम में 700 विद्रोहियों ने किया सशस्त्र समर्पण


असम में नौ अलगाववादी समूहों से जुड़े लगभग 700 विद्रोहियों ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के सामने सशस्त्र आत्मसर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा आत्मसर्पण समारोह राज्य के मुख्य शहर गुवाहाटी में हुआ, जिसमें कुल 676 विद्रोहियों ने हथियार डालकर केंद्रीय गृह मंत्री के हाथ से गुलाब ग्रहण किया।

Thursday, January 26, 2012

उम्र - विवाद


मौलिक अधिकार से वंचित किए जाने पर कोई भी व्यक्ति संविधान की धारा 32 के तहत उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है। इसलिए सेनाध्यक्ष ने रिटयाचिका दायर कर अपने उसी अधिकार का प्रयोग किया। फिर भी, उनके इस निर्णय के परिणाम निकल सकते हैं।
एक, सेना के लिए एक आदर्श व्यक्तित्व के रूप में वह अपने मातहत सभी सैनिकों का नेतृत्व करते हैं। उनकी वैधानिक शिकायत पर सरकार का फैसला मानने का उन्होंने एक उदाहरण पेश किया है। अब से सेना के सभी स्तरों के लोग इस का अनुसरण करेंगे। नतीजा यह होगा कि जूनियर अधिकारियों और सैनिकों के बीच अपने सीनियर लोगों के फैसलों पर से भरोसा उठने की परंपरा पड़ जाएगी।
दो, पहले मौके पर ही सीधे सुप्रीम कोर्ट का रास्ता पकड़ने की इस मिसाल का यह नतीजा भी होगा कि सशस्त्र सेना ट्राइब्यूनल की क्षमता पर लोगों का भरोसा डगमगाने लगेगा। इस मामले में थलसेनाध्यक्ष का यह तर्क बेदम और आधारहीन लगता है कि  ट्राइब्यूनल में बैठे पूर्व सैन्य अधिकारी उनसे जूनियर हैं। हकीकत यह है कि दिल्ली स्थित ट्राइब्यून की प्रमुख पीठ या क्षेत्रीय पीठों में आसीन अधिकारी थलसेनाध्यक्ष के मातहत या जूनियर नहीं रहे।

मेजर जनरल  नीलेंद्र कुमार के लेख AGE CONTROVERSY AND ITS IMPLICATIONS के आधार पर!