Thursday, May 31, 2012

जनरल बिक्रम सिंह ने सेना प्रमुख का पदभार सम्भाला


नई दिल्ली : जनरल बिक्रम सिंह ने गुरुवार को देश के नए सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार सम्भाल लिया। उन्होंने जनरल वी. के. सिंह का स्थान लिया है, जो सेना में विभिन्न पदों पर 42 वर्षो तक सेवा देने के बाद गुरुवार को सेवानिवृत हो गए।

Saturday, May 12, 2012

एनसीटीसी देश की सुरक्षा का एक अहम स्तम्भ


नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने शनिवार को अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना, राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) का मजबूती से बचाव किया। उन्होंने कहा,"वहां एफबीआई और सीक्रेट सर्विस के अधिकार क्षेत्र में भी पूरा देश आता है। जर्मनी में संयुक्त आतंकवाद निरोधक केंद्र (जीटीएजे) और संयुक्त इंटरनेट चौकसी केंद्र (जीआईजेड) है।"गृह मंत्री ने कहा, "जब राज्य सरकारें पर्याप्त क्षमता विकसित कर लेगी और अंतर राज्यीय सहयोग अधिक प्रभावी हो जाएगा, तो मैं समझता हूं कि केंद्र सरकार पीछे हट सकती है या हट जाएगी।" उन्होंने कहा कि तब तक "हमें मिलकर काम करना है। मुझे भरोसा है कि हम देश को अधिक सुरक्षित बना सकते हैं।"

Saturday, May 5, 2012

सेना प्रमुख के खिलाफ तेजिंदर की याचिका दूसरी अदालत में


दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह की याचिका को यह कहते हुए दूसरी अदालत में भेज दिया है कि शिकायतकर्ता को इस अदालत पर भरोसा नहीं है।
सिंह ने सेना प्रमुख को अदलात में सम्मन करने लिए याचिका दायर की है। महानगर दंडाधिकारी सुदेश कुमार शनिवार को तेजिंदर सिंह की याचिका पर फैसला सुनाने वाले थे लेकिन उन्होंने यह याचिका अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी के पास इस अनुरोध के साथ भेज दिया कि इस मामले में सात मई तक फैसला सुनाएं।

ऑनलाइन वेबसाईट 'कागजात'

मोहित गुप्ता राम मनोहर लोहिया नेशनल ला यूनिवर्सिटी का प्रथम वर्ष का छात्र है जिसने क़ानूनी दस्तावेज वेबसाईट 'कागजात' बनाई| यह वेबसाईट ऑनलाइन ( online customised legal documentation solution” Kagzaat) है|  

Thursday, May 3, 2012

प्रधानमंत्री ने अनाज वितरण पर गठित की समिति


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने मुद्दा यह था कि जरूरतमंदों के बीच अतिरिक्त अनाज आवंटित किया जाये या नहीं! इस विषय पर सुझाव देने के लिए उन्होंने अपने मुख्य आर्थिक सलाहकार सी. रंगराजन की अध्यक्षता में बुधवार को एक समिति गठित की। e 
प्रधानमंत्री ने देश में उपलब्ध खाद्य भंडार एवं भंडारण की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया।
केंद्रीय खाद्य मंत्री के.वी. थॉमस ने बताया कि एक अप्रैल 2012 तक गेहूं का भंडार 199.52 लाख टन और चावल का भंडार 333.50 लाख टन है।
देश के भंडारगृह अनाज से भरे पड़े हैं और अब अनाज को खुले में रखना पड़ेगा जिससे अनाज के सड़ने का जोखिम होगा।

Friday, February 3, 2012

सेना प्रमुख उम्र विवाद में सरकार की किरकरी

नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय में शुक्रवार को एक बार फिर केंद्र सरकार की किरकरी हुई। एक दिन पहले ही 122 2जी लाइसेंस रद्द करने का आदेश देने वाले न्यायालय ने शुक्रवार को सेना प्रमुख की उम्र से सम्बंधित विवाद में पूरी सरकारी प्रक्रिया पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि यह ''गलत'' मालूम पड़ती है। न्यायालय ने सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद यह टिप्पणी की। मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी। जनरल ने याचिका में अपनी जन्मतिथि 10 मई, 1950 के बजाय 10 मई, 1951 स्वीकार करने की अपील की है। सेना प्रमुख की उम्र को लेकर यह विवाद सेना की दो शाखाओं में उनकी अलग-अलग जन्मतिथि रहने के कारण है।

Wednesday, February 1, 2012

विदेशी लॉ फर्म प्रकरण

मद्रास उच्च न्यायालय ने विदेशी कानून फर्मों के प्रवेश के खिलाफ दायर रिट याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. विदेशी और भारतीय दोनों कानूनी फर्म अब फैसले के इंतजार में हैं!

Sunday, January 29, 2012

बार और बेंच (Bar and Bench)

न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) में स्थायी न्यायाधीश के पद के लिए नामित किया गया! पिछले बीस वर्षों में किसी भारतीय न्यायाधीश की नियुक्ति  अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के लिए नहीं हुई। 

Saturday, January 28, 2012

असम में 700 विद्रोहियों ने किया सशस्त्र समर्पण


असम में नौ अलगाववादी समूहों से जुड़े लगभग 700 विद्रोहियों ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के सामने सशस्त्र आत्मसर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा आत्मसर्पण समारोह राज्य के मुख्य शहर गुवाहाटी में हुआ, जिसमें कुल 676 विद्रोहियों ने हथियार डालकर केंद्रीय गृह मंत्री के हाथ से गुलाब ग्रहण किया।

Thursday, January 26, 2012

उम्र - विवाद


मौलिक अधिकार से वंचित किए जाने पर कोई भी व्यक्ति संविधान की धारा 32 के तहत उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है। इसलिए सेनाध्यक्ष ने रिटयाचिका दायर कर अपने उसी अधिकार का प्रयोग किया। फिर भी, उनके इस निर्णय के परिणाम निकल सकते हैं।
एक, सेना के लिए एक आदर्श व्यक्तित्व के रूप में वह अपने मातहत सभी सैनिकों का नेतृत्व करते हैं। उनकी वैधानिक शिकायत पर सरकार का फैसला मानने का उन्होंने एक उदाहरण पेश किया है। अब से सेना के सभी स्तरों के लोग इस का अनुसरण करेंगे। नतीजा यह होगा कि जूनियर अधिकारियों और सैनिकों के बीच अपने सीनियर लोगों के फैसलों पर से भरोसा उठने की परंपरा पड़ जाएगी।
दो, पहले मौके पर ही सीधे सुप्रीम कोर्ट का रास्ता पकड़ने की इस मिसाल का यह नतीजा भी होगा कि सशस्त्र सेना ट्राइब्यूनल की क्षमता पर लोगों का भरोसा डगमगाने लगेगा। इस मामले में थलसेनाध्यक्ष का यह तर्क बेदम और आधारहीन लगता है कि  ट्राइब्यूनल में बैठे पूर्व सैन्य अधिकारी उनसे जूनियर हैं। हकीकत यह है कि दिल्ली स्थित ट्राइब्यून की प्रमुख पीठ या क्षेत्रीय पीठों में आसीन अधिकारी थलसेनाध्यक्ष के मातहत या जूनियर नहीं रहे।

मेजर जनरल  नीलेंद्र कुमार के लेख AGE CONTROVERSY AND ITS IMPLICATIONS के आधार पर!